मौनी अमावस्या (Muani Amavsya 2024): हिन्दू धर्म में माघ माह को काफी पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन से द्वापर युग का शुभारंभ हुआ था। वहीं माघ महीने में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के तौर पर जाना जाता है। इस अमावस्या को काफी अहम माना जाता है। माघ महीने में आने की वजह से इसे माघी अमावस्या (Maghi Amavasya) के नाम से भी जाना जाता है। कुछ इसे मौनी अमावस (Mauni Amavas) भी कहते हैं।
माना जाता है कि इस अमावस्या पर गरीबी को दूर किया जा सकता है। साथ ही सफलता भी हासिल की जा सकती है। वहीं मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पवित्र नदियों में स्नान से पुण्य हासिल होता है। शास्त्रों के मुताबिक मौनी अमावस्या पर नर्मदा, गंगा, सिंधु, कावेरी समेत दूसरी पवित्र नदियों में स्नान करने से दोष दूर होते हैं।
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मौनी अमावस्या कब है 2024 में? (Mauni Amavasya kab hai 2024 mein)
इस साल 2024 में मौनी अमावस्या 9 फरवरी, शुक्रवार को आ रही है।
अमावस्या तिथि शुरू हो रही है: | 09 फरवरी को सुबह के 08 बजकर 02 मिनट पर |
अमावस्या तिथि शुरू हो रही है: | 10 फरवरी को सुबह के 04 बजकर 28 मिनट पर |
मौनी अमावस्या तारीख:
- मौनी अमावस्या 2024 (Mauni Amavasya 2024): 9 फरवरी, शुक्रवार
- मौनी अमावस्या 2025 (Mauni Amavasya 2025): 29 जनवरी, बुधवार
- मौनी अमावस्या 2026 (Mauni Amavasya 2025): 18 जनवरी, रविवार
मौनी अमावस्या का महत्व (Importance of Mauni Amavasya)
मौनी अमावस्या के दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी, कंबल, गरम वस्त्र, काले कपड़े, जूते आदि चीजें दान करनी चाहिए। साथ ही मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करना भी शुभ रहता है। मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने का भी प्रचलन सदियों से चला आ रहा है। माना जाता है कि इस दिन मौन धारण करने से विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन दान देने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या को गलती से भी कुछ कामों को नहीं करना चाहिये, वरना हो सकती है दिक्कतें।
क्लेश से बनाएं दूरी
अमावस्या के दिन घर में सुख-शांति रखें। अमावस्या का दिन देवता और पितरों का माना जाता है। इस दिन घर में किसी तरह के क्लेश से बचें।
अपमान न करें
इस दिन किसी का भूल से भी अपमान न करें। साथ ही किसी का दिल दुखाने से भी बचना चाहिए।
श्मशान भूमि में न जाएं
माना जाता है कि अमावस्या के दिन श्मशान भूमि में नकारात्मक शक्तियां बढ़ जाती है। इस कारण इस दिन श्मशान भूमि में न जाएं। इससे मानसिक और शारीरिक नुकसान पहुंचने की संभावनाएं रहती है।
पेड़ों के नीचे न जाएं
कहा जाता है कि इस दिन पेड़ों के नीचे नहीं जाना चाहिए। बरगद, इमली, पीपल और मेहंदी के पेड़ो के नीचे जाने से बचना चाहिए। मान्यता है कि अमावस्या के दिन नकारात्मक शक्तियों का पेड़ों पर वास होता है और वो शक्तिशाली हो जाती है। साथ ही नकारात्मक शक्तियां इंसानों पर हावी भी हो जाती है।
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