नाग पंचमी कब है 2024 में, नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व | Nag Panchami 2024

Nag Panchami 2024: नाग पंचमी हिन्दुओं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। नाग पंचमी हरियाली तीज के 2 दिन बाद पड़ती है। यह सावन के पवित्र महीने में पड़ती है। सावन का महीना भगवान शिव (Lord Shiva) का महीना है जिससे नाग पंचमी (Nag Panchami) का महत्व और भी बढ़ जाता है।

नाग पंचमी सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाती है। इस दिन नाग देवता (Lord Naga) की पूजा की जाती है। नाग देवता सापों के देवता (Lord of Snakes) माने जाते हैं जो की भगवान शिव के प्रिय माने जाते हैं। भगवान शिव उन्हें अपने गले में धारण किये रहते हैं।

नाग पंचमी भारत, नेपाल तथा दिक्षणी पूर्व एशियाई देशों के कुछ हिन्दू बहुल देशों में बड़े धूम धाम से मनायी जाती है। नाग देवता का हिन्दू मान्यताओं में एक विशेष स्थान है। कहीं पर नाग देवता को भगवान शिव के गले के हार में माना गया, तो कहीं पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के श्येया के रूप में। समुद्र मंथन (Samudra Manthan) में भी नाग देवता की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

नाग पंचमी कब है 2024 में (Nag Panchami kab hai 2024 mein)

नाग पंचमी सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि मनाया जाती है। जो कि जुलाई से अगस्त महीने के बीच में पड़ती है। इस साल 2024 में शुक्रवार, 09 अगस्त को मनायी जाएगी।

  • नाग पंचमी 2024 (Nag Panchami 2024): शुक्रवार, 09 अगस्त 2024
  • नाग पंचमी 2025 (Nag Panchami 2025): मंगलवार, 29 जुलाई 2025
  • नाग पंचमी 2026 (Nag Panchami 2026): रविवार , 17 अगस्त 2026

नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त (Nag Panchami Puja Ka Shubh Muhurat 2024)

2024 में नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त 09 अगस्त 2024, रात के 12:36 बजे से है।

नाग पंचमी तिथि शुरू होगी : 09 अगस्त सुबह के 5 बजकर 47 मिनट से (09 August 2024, 05:47 AM)
नाग पंचमी तिथि खत्म होगी : 10 अगस्त सुबह के 03 बजकर 14 मिनट पर (10 August 2024, 03:14 AM)

नाग पंचमी की पूजा विधि (Nag Panchami Puja Vidhi)

नाग पंचमी को सापों के राजा नाग देवता की पूजा की जाती है। नाग पंचमी को सापों को दूध पिलाना शुभ माना जाता है। नाग पंचमी के दिन सुबह सुबह जग कर स्नान करके नाग देवता की पूजा नाग देवता के मंदिर जा के उनकी प्रतिमा को पुष्प और दूध चढ़ाकर भी कर सकते हैं।

नाग देवता की पूजा भगवान शिव के मंदिर में भगवान शिव के शिवलिंक को दूध चढ़ाकर भी कर सकते हैं। नाग देवता हमेशा भगवान शिव से लिपटे रहते हैं। पूजा के समय निम्न मंत्र का भी उच्चारण करें:

सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥

अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥

नाग पंचमी को 12 नागों की पूजा की पूजा की जाती है। हिन्दू धर्म में इनका बहुत महत्व है। इन 12 नागों के नाम हैं; अनन्त, वासुकि, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शङ्खपाल, शेष, पद्म, पिङ्गल नाग, कम्बल, कालिया, और तक्षक हैं।

नाग पंचमी का महत्व (Importance of Nag Panchami)

सावन के पवित्र महीने में मनायी जाने वाली नाग पंचमी (Nag Panchami) का हिन्दू धर्म बहुत महत्व है। नाग पंचमी की पूजा से कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) से मुक्ति मिलती है। ऐंसा माना जाता है कि जो व्यक्ति नाग पंचमी को नाग देवता की पूजा करता है उसे सांप कभी नहीं काटते है। नाग पंचमी को नाग देवता की पूजा पूरी विधि विधान से करने से घर में सुख शांति और समृद्धि रहती है।

Manisha
Manisha

मुझे भारतीय त्योहारों और भारत की संस्कृति के बारे में लिखना पसंद है। में आप लोगों से भारत की संस्कृति के बारे में ज्यादा से ज्यादा शेयर करना चाहती हूँ। इसलिए मैंने ये ब्लॉग शुरू की है। पेशे से में एक अकाउंटेंट हूँ।

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